नन्दीसूत्रम्
देववाचकविरचितम् ; मलयागिरिरचित-वृत्त्युपरि श्री जिनचारित्रसूरिबृंहित-प्रभाव्याख्योपेतम् ; सम्पादक, महोपाध्याय विनयसागर
(राजस्थान पुरातन ग्रन्थमाला, ग्रन्थाङ्क 184)
राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, 1997
1. संस्करण
Nandīsūtram
In Sanskrit; prefatory matter in Hindi; commentary in Sanskrit
Summary: Jaina canonical text; with Prabhā supercommentary
संचालक राजस्थान पुरातत्त्वान्वेष्ण मन्दिर